इतिहास के सबसे खतरनाक और क्रूर तानाशाह कौन से थे?
ये है दुनिया के सबसे खतरनाक तानाशाह, जिन्होंने अपने शासन में बहा दी थी खूनों की नदियां
किसी भी देश का शासक अपने शशक्त शासन के लिए जाना जाता है जिसे जनता बहेत प्यार करती है। लेकिन इसके विपरीत दुनिया में कई ऐसे शासक भी रहे या है जिन्होंने हैवानियत की सारी हदें पार कर दी थी। तो आज हम आपको उन तानाशाहो के बारे में बताने जा रहे है जिन्होंने जनता के अधिकारों का शोषण करने के साथ-साथ मासूम लोगों का खून बहा दिया था।
1.एडोल्फ हिटलर
अगर किसी तानाशाह का नाम सबसे पहले लिया जाता है तो वो है हिटलर। एडोल्फ हिटलर का जन्म ऑस्ट्रिया में 20 अप्रैल 1889 को हुआ था। हिटलर जर्मनी की नाजी पार्टी के नेता रहे हैं और इनके शासनकाल में करीब 1.7 करोड़ लोगों की हत्या हुई थी। हिटलर ने करीब 12 वर्षों (1933 से 1945) तक जर्मनी पर अपना हुकुम चलाया। दूसरे विश्व युद्ध के समय हिटलर की सेना ने यहूदियों समेत कई लोगों को चुन-चुन कर मौत के घाट उतारा। हिटलर एक बेरहम शासक के तौर पर जाना जाता था जिसने कई यहूदी, इसाई, महिलाएं और बच्चों तक पर रहम नहीं खाया। यूरोप की धरती पर कत्लेआम मचाने के लिए हिटलर को सबसे ज्यादा क्रूर शासक के रूप में जाना गया। आपको जानकर हैरानी होगी हिटलर का पहला प्यार एक यहूदी लडक़ी ही थी।
2. ईदी अमीन
युगांडा के शासक इदी अमीन ने 1971 में सत्ता हथिया ली थी। उसने केवल 8 साल देश पर राज किया लेकिन ये 8 साल जनता के लिए दुखभरे 80 साल बन गए। अमीन 6 लाख लोगों की मौत का जिम्मेदार था। अमीन को लगता था कि किसी भी काम के लिए उससे बेहतर और बड़ा कोई नहीं हो सकता।
सजा के तौर पर ईदी लोगों के प्राइवेट पार्ट्स और हाथ पैर काट दिया करता था जिस कारण लोगों की तड़प कर मौत भी हो जाती थी। इतना ही नहीं ईदी अपने विरोधियों को उन्हीं का मांस खाने पर भी मजबूर कर देता था। ईदी ने अपने शासनकाल में लोगों के सर हथौड़े से फोड़ देने के भी आदेश निकाले थे।
ईदी के शासनकाल में कई महिलाओं के रेप भी हुए और उन्हें टॉर्चर भी किया गया और फिर उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया।
3. सद्दाम हुसैन
सद्दाम हुसैन पर हजारों कुर्द, शिया और तुर्की के मुसलमानों की मौत का इल्जाम है। 21वीं सदी के सबसे कुख्यात तानाशाहों में से एक रहे सद्दाम हुसैन ने अपने शासनकाल में लगभग 20 लाख लोगों की हत्या करवा दी थी।
सद्दाम हुसैन ने करीब 1 लाख कुर्दिश पुरुष, महिलाओं और बच्चों को केमिकल्स के जरिए मौत के घाट उतार दिया। सद्दाम हुसैन के शासनकाल में लोगों को दर्दनाक मौत दी जाती थी। कहा जाता है सद्दाम हुसैन मरने वाले लोगों की चीखें रिकॉर्ड कर उसे रात को खाना खाते समय सुनकर बहुत हंसा करता था।
आखिरकार 5 नवंबर 2006 को सद्दाम हुसैन को मौत की सजा सुना दी गई और उत्तरी बगदाद के खदीमिया इलाके के कैंप जस्टिस में फांसी दे दी गई। इसके साथ ही दुनिया से एक और तानाशाह हमेशा-हमेशा के लिए मिट गया, लेकिन आज इराक में उसकी जगह इस्लामिक स्टेट ने जगह बनाना शुरू कर दी है। इसका प्रमुख बगदादी सद्दाम से भी खतरनाक मंसूबों के साथ आगे बढ़ रहा है।
4.माओ से तुंग
चीन के माओ से तुंग अपने समय के सबसे कुख्यात तानाशाहों में से एक रहे हैं। माओ से तुंग को करीब 7.8 करोड़ लोगों का हत्यारा कहा जाता है। माओ से तुंग ने 1949 से 1953 के बीच शासन किया, इस दौरान इसने लगभग 50 लाख लोगों को मौत के घाट उतार दिया। माओ से तुंग ने अपने शासनकाल में दो प्रोग्राम ग्रेट लीफ फारवर्ड और कल्चरल रेवॉल्यूशन चलाये और इसका परिणाम ये निकला की इनकी वजह से लगभग 2 करोड़ लोग भुखमरी का शिकार हो गए।
माओ क्रूर जरूर था लेकिन उसने चीन को एक नया जन्म दिया। चीन को एक नई दिशा दी। दूसरे तानाशाहों की तरह वह खुद के लिए नहीं, चीन के लिए जिया। हालांकि इस पर लोगों में मतभेद हैं।
5. जोसेफ स्टालिन
जोसेफ स्टालिन रूस का तानाशाह नेता था। जोसेफ ने अपने कार्यकाल में करीब 2.3 करोड़ लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। उसने अपने 5 वर्षीय आर्थिक योजना के जरिए सभी किसानों को सरकार के अधीन 'किसान को-ऑपरेटिव' से जुडऩे पर मजबूर कर दिया। जिसका परिणाम यह निकला कि वहां अकाल की स्थिति बन गई जिस कारण सिर्फ यूक्रेन में लगभग 30 लाख लोग भुखमरी का शिकार बन गए। स्टालिन ने शीतयुद्ध के दौरान रूस को दुनिया का दूसरा परमाणु शक्ति संपन्न देश बनाया। 1939 में ग्रेट पर्ज के नाम पर सेना की मदद से लाखों हत्याएं करवाईं।
6.रॉबर्ट मुगाबे
ये जनाब दुनिया के सबसे क्रूर शासकों में शुमार थे। रॉबर्ट ने 1987 से लेकर 2013 तक अपना शासन कायम रखा। जिंबाब्वे के राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे काफी शातिर शासक रहा है। इसने सत्ता भी धोखाधड़ी से ही हासिल की थी। चुनाव के समय कई प्रदेश ऐसे थे जहां रॉबर्ट मुगाबे को एक भी वोट नहीं मिला लेकिन इसने लोगों को डरा धमका कर सत्ता हासिल कर ली। चुनावी दौर के समय इसने करीब 20,000 आम नागरिकों की दर्दनाक हत्या करवा दी थी। इसके अलावा अपने शासनकाल में इसने करीब 30 लाख से भी अधिक लोगों की जिंदगी बर्बाद कर दी थी।
रॉबर्ट ने अपने शासनकाल में लैंड रिफार्म नामक एक प्रोग्राम शुरु किया जिसके चलते बड़ी संख्या में लोग बेघर हो गए और उन्हें अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा।
7. किम जोंग इल
अपने पिता किम इल सुंग की मौत के बाद उत्तर कोरिया की सत्ता संभालने वाले किम जोंग इल वहां का एक बड़ा तानाशाह बन गया। किम जोंग इल ने 1994 से 2011 तक अपनी सत्ता में कई मानव अधिकारों का उल्लंघन करते हुए बड़ी संख्या में लोगों की हत्या करवा दी थी। इसने अपने शासनकाल में लगभग 3 लाख से भी अधिक लोगों को गिरफ्तार करवा लिया था। जोंग के इस तानाशाही रवैये से अमेरिका ने 2002 में ईरान और इराक के साथ उत्तर कोरिया को 'एक्सिस ऑफ एविल' घोषित कर दिया था। नॉर्थ कोरिया को इस दौरान काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। जोंग के तानाशाही रवैये से उत्तर कोरिया अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में अलग-थलग हो गया था। जोंग की साल 2011 में मौत हो गई।
8. मुअम्मर अल-गद्दाफी
लीबिया पर करीब 42 साल तक अपनी हुकूमत जमाने वाला मोहम्मद अल गद्दाफ़ी सबसे क्रूर तानाशाहों में से एक रहा है। गद्दाफी पर कई मासूम लोगों की हत्या का आरोप था। गद्दाफी कई भ्रष्टाचारों में लिप्त रहा है और जिसने भी गद्दाफी का विरोध किया गद्दाफी ने उसे मौत के घाट उतार दिया।
गद्दाफी को हमेशा डर बना रहता था कि उन्हें कोई मार ना दे इसीलिए वह हर समय बुलेट प्रूफ गाडिय़ों में ही घूमता था। गद्दाफी हमेशा सुरक्षा गार्ड के तौर पर महिलाओं को नियुक्त करता था और सिविल वार के दौरान गद्दाफी और उनके वरिष्ठ अधिकारियों ने गद्दाफी की कई महिला गार्ड्स के साथ बलात्कार भी किया। अक्टूबर 2011 में एक सैन्य हमले में गद्दाफी मारा गया और उसके आखिरी शब्द थे- 'मुझे गोली मत मारो'।
9. हुस्नी मुबारक
पूरा नाम मुहम्मद होस्नी सईद इब्राहीम मुबारक। मुबारक का जन्म 4 मई 1928 को। वे अरब गणराज्य मिस्र के चौथे राष्ट्रपति थे। उन्हें 1975 में उपराष्ट्रपति नियुक्त किया गया और 14 अक्टूबर 1981 को राष्ट्रपति अनवर अल-सादात की हत्या के बाद उन्होंने राष्ट्रपति का पद संभाला। मुहम्मद अली पाशा के बाद वे सबसे लंबे समय से मिस्र के शासक रहे हैं। यह भी आश्चर्य है कि 1995 में इन्हें जवाहरलाल नेहरू पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
हुस्नी मुबारक ने 1981 से 2011 तक मिस्र पर राज किया। अपने शासनकाल में हुस्नी मुबारक ने कई लोगों को कड़ी सजा दी। हुस्नी मुबारक की क्रूरता की वजह से सभी लोग इसके विरोधी हो गए, एक बार इस्लामी चरमपंथियों ने हुस्नी मुबारक पर जानलेवा हमला किया लेकिन वह वहां से बच निकला। इसके बाद भी तकरीबन 6 बार हुस्नी मुबारक की जान लेने की कोशिश की गई। लेकिन 2011 में जनता ने इसके खिलाफ आंदोलन छेड़ इसे आखिरकार सत्ता से निकाल बाहर किया और जनता के आगे घुटने टेक दिए। 2012 में इसे उम्र कैद की सजा सुनाई गई।
10. बेनिटो मुसोलिनी
मुसोलिनी भी हिटलर की विचारधारा का था। फासीवाद की नीव रखने वाला और इटली का नेता रहा बेनिटो मुसोलिनी दुनिया के सबसे क्रूर तानाशाह में से एक रहा है। मुसोलिनी का जन्म 1883 की 29 जुलाई को इटली के प्रिदाप्यो नामक गांव में हुआ था। 18 वर्ष की अवस्था में वो एक स्कूल में टीचर बना। 19 साल की उम्र में वह भागकर स्विट्जरलैंड चला गया।
दूसरे विश्वयुद्ध के समय से ही मुसोलिनी ने कई हमलों में हार का सामना किया और इस कारण उसे प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा भी देना पड़ा और उसे जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया गया। उस समय हिटलर ने उसे सहारा देते हुए छुड़ाया लेकिन फिर भी मुसोलिनी ज्यादा समय तक सत्ता नहीं संभाल सका और फिर 1945 में मित्र देशों की सेनाओं ने इटली पर हमला किया जिसमे मुसोलिनी को पकड़ कर हिरासत में ले लिया। फिर 28 अप्रैल 1945 को मुसोलिनी को सजा-ए-मौत दी गई।
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