WhatsApp में एजेंट स्मिथ Agent Smith वायरस क्या है
जो भारत में 1.5 करोड़ से अधिक एंड्रॉइड फोन में आ गया है?
shepard smith reporting एजेंट स्मिथ मेट्रिक्स का एजेंट, महाशक्तिमान का महाशत्रु, मेट्रिक्स से निकल कर हमारी वास्तविक दुनिया में आ गया है एक मैलवेयर के रूप में। यह मैलवेयर एंड्रॉइड उपकरणों को अपना शिकार बना रहा है, उन पर अपना नियंत्रण स्थापित कर रहा है।
यह मैलवेयर असली और भरोसेमंद लगने के लिए गूगल के नाम का इस्तेमाल करता है जैसे - गूगल अपडेटर या गूगल थीम्स, गूगल का नाम देखकर लोग इसे इनस्टॉल कर लेते हैं और इसके लिए जरुरी परमिशन भी दे देते हैं। यह मैलवेयर थर्ड-पार्टी एप स्टोर जैसे कि 9Apps के माध्यम से फैलता है। भारत के लगभग १.५ करोड़ एंड्रॉइड डिवाइस के संक्रमित होने का मुख्य कारण भी यही है।
डिवाइस में प्रवेश करने के बाद यह उसमें इनस्टॉल किए गए असली एप्लीकेशन को नकली और हानिकारक एप्लीकेशन से बदल देता है उपयोगकर्ता को इसका पता भी नहीं चलता। इस प्रकार डिवाइस का पूरा नियंत्रण एजेंट स्मिथ के पास होता है। इसके इन्हीं गुणों के कारण इसे नाम दिया गया है "एजेंट स्मिथ"। अब तक यह जानकारी सामने आई है कि यह मैलवेयर डिवाइस के संसाधनों का उपयोग करके यह धोखाधड़ी वाले विज्ञापन दिखाता है लेकिन इस बात की पूरी संभावना है यह संक्रमित डिवाइस के माध्यम से लोगों की वित्तीय जानकारी चुरा सकता है। यह मैलवेयर लोकप्रिय एप्स में हानिकारक कोड डाल रहा है जिससे यह और ज्यादा विज्ञापन दिखा सके।
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इस मैलवेयर के विषय में साइबर सिक्योरिटी फर्म चेकपॉइंट ने एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की है और इसे रोकने के लिए गूगल के साथ मिलकर काम कर रहा है। चेकपॉइंट की रिपोर्ट के अनुसार यह मैलवेयर तीन चरणों में काम करता है :
- पहले चरण में ड्रॉपर ([1] [2] फुटनोट देखें ) फोटो यूटिलिटी; गेम या वयस्क सामग्री वाले एप का रूप लेकर यूज़र को एप इनस्टॉल करने के लिए ललचाता है ( कोई भी तरीका हो सकता है ) , इसके अंदर मुख्य मैलवेयर होता है जो एन्क्रिप्टेड होता है।
- ड्रॉपर अपने साथ लाए मुख्य मैलवेयर APK को डिक्रिप्ट कर डिवाइस में इनस्टॉल कर देता है। इनस्टॉल होने के बाद मैलवेयर एप्स को अपडेट करने लगता है। इसका आइकॉन छुपा हुआ होता है।
- तीसरे चरण में स्मिथ अपना मुख्य काम करना शुरू करता है। संक्रमित डिवाइस के इंस्टॉल्ड एप लिस्ट से जानकारी निकालता है इसके बाद यह अपने टारगेटेड एप के APK को हानिकारक APK से बदल देता है, फिर विज्ञापन दिखाना शुरू।
चित्र :- चेकपॉइंट।
चेकपॉइंट में Mobile Threat Detection Research के प्रमुख जॉनाथन सिमोनोविच कहते हैं - " इस मैलवेयर को डिटेक्ट करना बहुत ही मुश्किल है ,यह अपने शिकार पर चुपचाप हमला करता है। इससे बचने का केवल एक ही उपाय है , हमेशा विश्वसनीय एप स्टोर से ही एप डाउनलोड करें"। मैं अपनी तरफ से यह जोड़ रहा हूँ " कोई एप जिसके लिए आपको शुल्क चुकाना पड़ता हो; अगर वह किसी एप स्टोर जैसे कि 9Apps पर मुफ्त में मिल रहा हो तो उसे डाउनलोड न करें इसमें आपकी ही ही भलाई है।
आपका धन्यवाद इस मैलवेयर के सम्बन्ध में ध्यान आकर्षित करने के लिए।सतर्क रहें, जागरूक रहें और सुरक्षित रहें।
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