अमेरिका ने आतंकी बगदादी को कैसे मारा ? News 2019 Date

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अमेरिका ने आतंकी बगदादी को कैसे मारा 





" वो कुत्ते की तरह सुरंग के आखरी कोने तक भागा जहाँ आत्मघाती हमले में वो मारा गया "

कुछ इस अंदाज मे दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकी समूह आई एस आई एस के आका अल बगदादी के खात्मे का एलान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने किया।। 8 साल पहले जब ओसामा बिन लादेन को अमेरिकी कमांडोज ने पाकिस्तान में मौत की नींद सुलाया था तो तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी पूरी दुनिया को इसी तरह बताया था।

यह भगोड़ा व कायर आतंकी सीरिया के बरीशा प्रान्त में छिपा हुआ था। तकनीकी रूप से सक्षम अमेरिकी खुफ़िआ विभाग ने इसके ठिकाने का पता लगा लिया था और कमाण्डो की एक टुकड़ी इसके हरम में भेजी। इसके अंगरक्षकों का खात्मा करते हुए जब अमेरिकी कमाण्डो आगे बढे तो ये एक खुफ़िआ सुरंग की तरफ भागा। अमेरिकी कमाण्डो टीम के ख़ास कुत्ते इसकी तरफ टूट पड़े इसको नोच नोच के चीर फाड़ डाला। चीखते पुकारते भागने के बाद सुरंग के अंत में अपने को घिरा पाकर इसने अपने आत्मघाती जैकेट का बटन दबा खुद को उड़ा दिया।



आइएस की टूटी कमर, ट्रंप की बल्‍ले-बल्‍ले
इससे पहले बगदादी के मारे जाने की कई रिपोर्टें सामने आ चुकी हैं। चूंकि इस बार खुद अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने इसकी पुष्टि की है इसलिए माना जा रहा है कि आइएस सरगना का चैप्‍टर क्‍लोज हो गया है। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, यह खबर आतंकी संगठन आइएस के लिए अब तक का सबसे तगड़ा झटका है। इस ऑपरेशन के बाद सीरिया में स्थिति सुधरेगी और आइएस कमजोर पड़ेगा। यही नहीं इसने डोनाल्ड ट्रंप को रणनीतिक और राजनीतिक अवसर भी उपलब्‍ध कराए हैं। यही नहीं सीरिया में प्रशासन पूरी कोशिश करेगा कि आइएस के दबदबे वाले इलाके उसके अधिकार क्षेत्र में आ जाएं।

सर पर था 25 मिलियन डॉलर का इनाम 
आतंकी बगदादी के क्रूर शासनकाल को बर्बर तरीकों से की जाने वाली हत्‍याओं के लिए याद किया जाएगा। इसमें जेहाद, युद्ध, भयावहता, यातनाओं और फांसी के क्रूर तरीके शामिल हैं। बगदादी के शासन को स्‍थापित करने के लिए उसके गुर्गों ने सीरिया और इराक में हजारों लोगों का कत्‍लेआम किया। इन्‍हीं क्रूर हत्‍याओं के कारण उसने खुद को लादेन से ऊपर स्‍थापित कर लिया था। उसके सर पर 25 मिलियन डॉलर का इनाम था। काले लिबास में नजर आने वाला बगदादी खुद को मुहम्‍मद साहब के वंशजों के साथ जोड़ता था।

मौलवी से बना चरमपंथी
बगदादी का जन्म सन 1971 में बगदाद के उत्तर में स्थित समारा में हुआ था। बीबीसी ने पुरानी रिपोर्टों के हवाले से बताया है कि साल 2003 में जब अमेरिकी सेनाएं इराक में दाखि‍ल हुई थीं तब बगदादी शहर की एक मस्जिद में मौलवी के तौर पर काम करता था। पहले उसका इब्राहिम अवाद इब्राहिम अल-बद्री था लेकिन जैसे जैसे वह कट्टरपंथी विचारों के करीब होता गया उसने लोगों के बीच खुद को अबू बकर अल-बगदादी के तौर पर प्रस्‍तुत करने लगा। समाचार एजेंसी आइएएनएस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चूंकि उसने बगदाद विश्वविद्यालय से इस्लामी धर्मशास्त्र की शिक्षा ली इसलिए खुद को बगदादी के तौर पर प्रस्‍तुत किया।



बेरहम हत्‍यारे के तौर पर किया जाएगा याद 
समाचार एजेंसी एफे की रिपोर्ट में कहा गया है कि 48 वर्षीय बगदादी को एक बेरहम हत्‍यारे के रूप में याद किया जाएगा। इराक और सीरिया में खुद को ‘खलीफा’ के तौर पर एलान करने के साथ उसने अल कायदा से अलग रास्‍ता चुनते हुए आइएसआइएस नाम के आतंकी संगठन की नींव रखी थी। दुनिया भर में जेहाद के नाम पर बेगुनाह लोगों की करने का वह दोषी था। उसने अपने कब्‍जे वाले इलाके में अपना शासन लागू किया जो इस्लाम के मध्ययुगीन रीति-रिवाजों पर आधारित था।

बगदादी का अमेरिकी कनेक्‍शन 
बगदादी का एक अमेरिकी कनेक्‍शन भी है। रिपोर्टों में कहा गया है कि बगदादी ने बक्का के एक अमेरिकी हिरासती शिव‍िर में चार साल बिताए थे। यही से अमेरिका से उसकी नफरत ऐसी बढ़ी कि उसने हथियार उठाने की ठानी। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, यही वह समय था जब वह एक चरमपंथी बना। साल 2017 में उसके दिन लदने शुरू हुए जब कुर्द लड़ाकों ने अमेरिकी सैन्‍य बलों और उनकी तकनीक की मदद से आइएस के गढ़ों पर एक-एक करके कब्‍जा करना शुरू किया। पहले कहा गया कि बगदादी ईराक और सीरिया की सीमा के पास छ‍िपा हुआ है या मध्‍य सीरिया में मारा गया है। लेकिन अब जाकर अमेरिकी बलों ने उसे मारने में सफलता पाई है।





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