महात्मा गांधी का जीवन परिचय हिंदी (Mahatma Gandhi Jivan Parichay Kahani)

“चल पड़े जिधर दो डग पथ में, चल पड़े कोटि पग उसी ओरपड़ गई जिधर भी एक दृष्टि, गढ़ गए कोटी दृग उसी ओर”
Mahatma Gandhi ji ke baare mein Janam tithi aur Mata Pita( about Of Mahatma Gandhiji date of birth and parents in Hindi) |महात्मा गांधी जी के बारे में जन्म तिथि और माता पिता
महात्मा गांधी जी(Mahatma Gandhi Ji) का जन्म 2 अक्टूबर 1869 ई౦ को काठियावाड़ में पोरबंदर में हुआ, इनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी(Mohan Dash Karamchand Gandhi) था इनके पिता का नाम करमचंद तथा माता का नाम पुतलीबाई था गांधी जी(Gandhi ji) की प्रारंभिक शिक्षा राजकोट की पाठशाला में हुई जब यह केवल 13 वर्ष के थे तब इनका विवाह कस्तूरबा से हुआ उस समय हाई स्कूल में पढ़ते थे।
1887 में मैट्रिक की परीक्षा पास करने के बाद यह कानून की शिक्षा प्राप्त करने इंग्लैंड गए 14 वर्ष के बाद बैरिस्टर बनकर भारत लौटे, गांधीजी को 1 मुकदमे के संबंध में दक्षिणी अफ्रीका जाना पड़ा वहां भारतीयों की दुर्दशा देखकर इन्होने सत्याग्रह का मार्ग अपनाया इनका अपमान भी हुआ, पर इस सत्याग्रह में इनकी जीत हुई
Mahatma Gandhi ji ka Andolan | महात्मा गांधी जी का आंदोलन( Mahatma Gandhi Ji ka Jeevan Parichay motivational story)
स्वदेश लौटने पर गांधी जी ने स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए महात्मा गांधी जी ने स्वतंत्रता की लड़ाई शुरुआत की, यह लड़ाई अहिंसा तथा सत्य की लड़ाई थी, 1920 में असहयोग आंदोलन तथा 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन से अंग्रेज सरकार की जडे़ हिल गई थी
महात्मा गांधी जी ने अछूतोद्धार के लिए बहुत काम किया आपने अछूत कहे जाने वाले लोगों को हरिजन नाम दिया, महात्मा गांधी जी कहा करते थे कि यदि मुझे अगला जन्म मनुष्य के रूप में मिले तो मैं एक अछूत के घर में पैदा होना चाहता हूं
Mahatma Gandhiji ke Swatantrata Prapti Or Mratyu mahatma Gandhi Ji ka Jeevan Parichay nibandh kahani) |महात्मा गांधी जी के स्वतंत्रता प्राप्ति और मृत्यु
महात्मा गांधी जी(Mahatma Gandhi Ji) के प्रयत्नों से 15 अगस्त 1947 ईस्वी को देश को स्वाधीनता प्राप्त हुई 30 जनवरी को प्रार्थना सभा में नाथूराम गोडसे नामक व्यक्ति ने गोली मारकर गांधी जी की हत्या कर दी, इससे भारत में ही नहीं पूरे विश्व में शोक छा गया, दिल्ली में राजघाट पर गांधी जी की समाधि बनी हुई है
यद्यपि की गांधी जी का पार्थिव शरीर अब हमारे बीच नहीं है तथापि उनके उपदेश, उनके आदर्श तथा उनके पवित्र विचार आज भी हमें प्रेरणा दे रहे हैं, हमें उनके बताए गए मार्ग पर चलना चाहिए तथा उनके तीन प्रमुख सिद्धांतों को कभी नहीं भूलना चाहिए
Mahatma Gandhi ji ke Siddhant | महात्मा गांधीजी के सिद्धांत
- सत्य और अहिंसा
- सांप्रदायिक एकता
- अछूतोद्धार
mahatma Gandhi ji का महत्वपूर्ण कथन
बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत बोलो
हमारा यह कर्तव्य है कि हम शपथ उठाए कि उनकी शिक्षाओं को जीवन में अपनाने का भरसक प्रयास करेंगे, जब से महात्मा गांधी द्वारा स्वतंत्रता दिलाने के बाद हमे खुली हवा में साँस लेना बहुत अच्छा लगता है किन्तु खुली हवा का और स्वतंत्रता और आजादी का श्रेय किस्से जाता है? वो है महात्मा गांधी जी(Mahatma Gandhi ji) के द्वारा जो धोती कुर्ता पहने और हाथ में लाठी लिए और मुस्कान के साथ साथ देश को आजादी दिलाने का संघर्ष निवार्थ भाव से लड़ता रहा-Mahatma Gandhi Ji(Mohan Dash Karamchand Gandhi)
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